लिव-इन रिलेशन में 14 वर्षीय नाबालिग 7 माह की गर्भवती, अस्पताल में भर्ती; नाबालिग पति मौजूद

स्वदेशी टाइम्स, रांची/खूंटी: खूंटी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां लिव-इन रिलेशन में रह रही 14 साल की लड़की सात माह की गर्भवती निकली। उसे तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया, इस दौरान उसका नाबालिग पति भी मौजूद रहा। पढ़ें पूरी खबर…।

उग्रवाद से ग्रस्त और पिछड़े जिले खूंटी में मंगलवार को एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने समाज को गहरी सोच में डाल दिया। मुरहू प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को प्रसव पीड़ा के कारण भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि वह सात महीने की गर्भवती है। उसके साथ 16 वर्षीय नाबालिग लड़का भी मौजूद था, जिसके साथ वह आदिवासी समुदाय की ढुकू प्रथा (लिव-इन रिलेशनशिप) के तहत रह रही थी। इस जोड़े की सामाजिक रूप से शादी नहीं हुई है। बच्ची की स्थिति बिगड़ने पर उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया।

अस्पताल में भर्ती कराने पर चौंकाने वाला खुलासा
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को मुरहू प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को प्रसव पीड़ा के कारण लाया गया। उसे उसकी मां और तीन अन्य महिलाएं अस्पताल लेकर आई थीं। चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे भर्ती किया, जब पता चला कि वह सात महीने की गर्भवती है। इस दौरान लड़की का 16 वर्षीय साथी, जिसे उसका नाबालिग पति बताया जा रहा है, भी अस्पताल में मौजूद था। दोनों की सामाजिक रूप से शादी नहीं हुई है और वे आदिवासी समुदाय की ढुकू प्रथा के तहत एक साथ रह रहे थे। बच्ची की हालत ठीक न होने के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
लिव-इन रिलेशनशिप की शुरुआत
परिजनों ने बताया कि 14 वर्षीय लड़की मुरहू से 14 किलोमीटर दूर अपने गांव से पढ़ाई के लिए किराए के मकान में रहती थी और स्थानीय स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात पड़ोसी गांव के 16 वर्षीय लड़के से मुरहू बाजार में हुई। दोनों के बीच मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान हुआ और फोन व वाट्सएप पर बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे यह रिश्ता गहरा गया और लड़का लड़की के घर आने-जाने लगा। कई बार वह रात में भी वहां रुकने लगा। इस रिश्ते का परिणाम यह हुआ कि नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई।

परिवार ने अस्पताल में कराया भर्ती
लड़की की गर्भावस्था का पता चलने पर परिजनों ने उसे लड़के के घर भेज दिया, जहां वह उसके साथ ढुकू प्रथा के तहत रहने लगी। सात महीने की गर्भावस्था के दौरान मंगलवार को उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिसके बाद परिजनों ने उसे तुरंत मुरहू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। अस्पताल में उसकी स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। इस घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे समुदाय को स्तब्ध कर दिया। परिजनों और अस्पताल में मौजूद लोगों ने इस स्थिति पर गहरा अफसोस जताया।

समाज में उठे सवाल और चिंताएं
इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों ने अफसोस जताते हुए कहा कि गरीबी और अशिक्षा के कारण आज समाज ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां 14 साल की बच्ची मां और 16 साल का किशोर पिता बनने की कगार पर है, जिसका भविष्य अनिश्चित है। लोगों ने सवाल उठाया कि इस नाबालिग जोड़े और उनके होने वाले बच्चे का भविष्य क्या होगा।

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