किसानों की अनदेखी कर रही भाजपा, मुआवजा देने में कर रही देरी: हुड्डा

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स्वदेशी टाइम्स, रोहतक: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी पर निशान साधा है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार पोर्टल का झंझट खत्म करके स्पेशल गिरदावरी करवाए।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश सरकार पोर्टल का झंझट खत्म करके स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को तुरंत 60 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे। लगातार दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री रविवार को महम खंड के नौ तो कलानौर खंड के पांच गांवों में खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे। साथ में महम विधायक बलराम दांगी, रोहतक शहर विधायक बीबी बतरा व कलानौर विधायक शकुंतला खटक भी मौजूद रहे।

पोर्टल-पोर्टल खेल रही बीजेपी

हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार कई साल से मुआवजा देने की बजाए पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। इस व्यवस्था के चलते किसी भी आपदा से पीड़ित 90 प्रतिशत लोगों को मुआवजा ही नहीं मिल पाता। जो इक्का-दुक्का किसानों को मिलता है, उसमें भी कई-कई माह लग जाते हैं। इसलिए कांग्रेस और तमाम पीड़ितों की मांग है कि पोर्टल के झंझट छोड़कर सीधे किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाए।

ट्रैक्टर से बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा

खुद ट्रैक्टर चलाकर जलभराव से प्रभावित महम के गांव बहलबा, भैणी भैरो, भैणी मातो, भैणी महाराजपुर, भैणी सुरजन, सैमाण, बेडवा, फरमाणा चंद्रपाल और कलानौर खंड के गांव आंवल, गढ़ी, निगाना, कटेसरा व गुढ़ान के जलभराव से प्रभावित खेतों में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में खड़ी पूरी फसल तो बर्बाद हुई ही है और जलभराव को देखते हुए आने वाली फसल की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही। इसलिए किसानों को कम से कम 60-70 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिलना चाहिए।
Former CM Bhupinder Singh Hooda slam BJP
इसके साथ ही सरकार को लोगों के मकानों, दुकानों व अन्य इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को भी बाढ़ प्रभावित हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश के लिए राहत पैकेज का एलान करना चाहिए

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि जब 1995 में ऐसी ही बाढ़ आई थी तो वह खुद तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री बलराम जाखड़ को हरियाणा लेकर आए थे। उस समय कांग्रेस सरकार ने किसानों को फसलों के साथ खेत के कोठड़े, ट्यूबवैल, तमाम मकानों और दुकानों समेत प्रत्येक नुकसान का मुआवजा दिया था लेकिन मौजूदा सरकार पराली जलाने का केस तो सैटेलाइट से देखकर दर्ज कर देती है और जब मुआवजा देने की बारी आती है तो किसानों को पोर्टल के हवाले कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पोर्टल को अपनी जिम्मेदारी से भागने और मुआवजे में देरी का जरिया बना लिया है।

बीजेपी ने समय रहते नहीं किया काम 

पूर्व सीएम ने बताया कि बीजेपी सरकार ने वक्त रहते नहरों की सफाई, शहरों में सीवरेज व्यवस्था और ना ही तटबंधों को मजबूत किया। इसके अलावा न ही जल निकासी के लिए कोई रास्ता बनाया गया। यही वजह है कि बारिश शुरू होते ही गली, सड़क, गांव, शहर और खेत तालाब में बदल गए। उन्होंने कहा कि ये बाढ़ सिर्फ प्रकृति की मार नहीं है बल्कि भाजपा सरकार की नाकामी का परिणाम भी है।

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