शिवसेना UBT की पार्टी चुनाव चिन्ह विवाद पर जल्द सुनवाई की मांग, स्थानीय निकाय चुनाव है वजह

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स्वदेशी टाइम्स, नई दिल्ली : बुधवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना यूबीटी के वकील देवदत्त कामत ने जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष दलीलें पेश कीं और पार्टी चिन्ह के मामले पर इस हफ्ते या अगले हफ्ते ही सुनवाई की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट ने आज शिवसेना यूबीटी की याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में महाराष्ट्र निकाय चुनाव को देखते हुए पार्टी चुनाव चिन्ह पर जल्द फैसला देने की मांग की गई। शिवसेना यूबीटी की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि अगर एक बार राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई तो फिर चुनाव चिन्ह में बदलाव नहीं हो सकेगा। पहले से ही यह मामला दो साल से लंबित है। शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि विवाद को लेकर अंतरिम निर्देश दिए जाएं। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी। अब अदालत 14 जुलाई 2025 को फिर से इस मामले पर सुनवाई करेगी।

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
जून 2022 में अविभाजित शिवसेना टूटकर दो गुटों में बंट गई। जिनमें से एक गुट बना एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और दूसरा गुट बना उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी। दोनों गुटों ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर दावा किया और मामला चुनाव आयोग के पास गया। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पक्ष में फैसला दिया और उसे असली शिवसेना माना। जिसके बाद शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष बाण एकनाथ शिंदे की शिवसेना को मिला। इस फैसले के खिलाफ शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना यूबीटी के वकील देवदत्त कामत ने जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष दलीलें पेश कीं और पार्टी चिन्ह के मामले पर इस हफ्ते या अगले हफ्ते ही सुनवाई की मांग की।

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