थाईलैंड की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के खिलाफ मुकदमा किया खारिज

स्वदेशीटाइम्स, बैंकाक: थाईलैंड के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वासन में रहीं पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा को 2013 में एक सरकारी परियोजना के लिए धन के दुरुपयोग के आरोप से बरी कर दिया है। यह फैसला यिंगलक के भाई थाकसिन को भ्रष्टाचार संबंधित अपराधों के लिए पैरोल पर रिहा किए जाने के बाद आई है।
सत्ता के दुरुपयोग के आरोप से किया बरी
यिंगलक ने 2011 से 2014 तक देश का नेतृत्व किया था। पिछले साल दिसंबर में इसी अदालत ने यिंगलक को उनके द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के आरोप से बरी कर दिया था। हालांकि, जेल का सामना किए बिना थाईलैंड लौटने के लिए उन्हें राजा महा वजीरालोंगकोर्न से क्षमादान की भी आवश्यकता होगी।
चावल सब्सिडी कार्यक्रम में लापरवाही के लिए सुनाई सजा
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, 2017 में उन्हें चावल सब्सिडी कार्यक्रम को लागू करने में कथित लापरवाही के लिए उनकी अनुपस्थिति में सजा सुनाई गई थी, जिससे सरकार को करीब 14 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। 56 वर्षीय यिंगलक थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उनके समर्थकों का मानना है कि उनका एकमात्र अपराध देश के पारंपरिक अभिजात वर्ग की शक्ति को चुनौती देना था।