Uttarakhand: अब 25 लाख की बजाय हर 10 लाख पर मिल रही हैं 100 एमबीबीएस सीटें

स्वदेशी टाइम्स, देहरादून: वर्तमान में निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1425 सीटें हैं। 25 लाख की आबादी पर पहले 100 सीटें निर्धारित थीं।
उत्तराखंड में आबादी के मानकों से अधिक एमबीबीएस सीट हैं। अब प्रदेश सरकार को विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए पीजी की सीटों की जरूरत है। इसके लिए सरकार का मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें बढ़ाने के लिए हर साल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को प्रस्ताव भेज रही है। वर्तमान में निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1425 सीटें है।
पहले 25 लाख की आबादी पर 100 सीटें निर्धारित थीं। जिसे घटा कर अब 10 लाख की आबादी पर 100 सीट या एक मेडिकल कॉलेज के मानक लागू है। हाल ही में केंद्र सरकार ने देश भर में एमबीबीएस की पांच हजार सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया है। लेकिन इसका फायदा उत्तराखंड को कम मिलेगा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता पीजी की सीटें बढ़ाने पर है। वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज दून, हल्द्वानी व श्रीनगर में पीजी की कुल 181 सीटें है। सरकार का प्रयास है कि अल्मोड़ा व हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम शुरू किया जाए। साथ ही अन्य मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें बढ़ाई जाए।
प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टर सरप्लस में है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए पीजी की सीटें बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पीजी सीटें बढ़ने से एमबीबीएस डॉक्टर एमडी व एमएस कर सकेंगे। इससे विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी।
मेडिकल कॉलेज | सीटें |
दून मेडिकल कॉलेज | 150 |
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज | 150 |
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज | 125 |
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज | 100 |
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज | 100 |
एक्स ऋऋषिकेश | 150 |
हिमालयन मेडि. कॉ. जौलीग्रांट | 150 |
सुभारती मेडिकल कॉलेज | 50 |
इंदिरेश हॉस्पिटल | 200 |
ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज | 150 |