फिर से परीक्षा या यथावत नतीजे? NEET UG पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा भविष्य

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स्वदेशी टाइम्स, दिल्ली; नीट यूजी की परीक्षा 4 मई 2025 को पूरे देश भर में आयोजित की गई थी. पिछली बार की तरह पेपर लीक न हो इसके लिए पूरे इंतजाम किए गए थे. लेकिन इस बार बिना पेपर लीक हुए परीक्षा को तो हो गई लेकिन कुछ सेंटरों पर एग्जाम के समय लाइट चली गई और स्टूडेंट्स को मोमबती जलाकर पेपर देना पड़ा था. इस मामले को लेकर विवाद शुरू हुआ तो एमपी हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी, हालांकि बाद में रिजल्ट जारी कर दिया गया था. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट NEET UG 2025 की परीक्षा को लेकर सुनवाई करने को तैयार है. अगले हफ्ते कोर्ट में सुनवाई है.

सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि परीक्षा दोबारा कराई जा सकती है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की एमपी हाईकोर्ट में दोबारा से परीक्षा कराने की याचिका दाखिल की थी. लेकिन छात्रों की याचिका को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट से मिली निराशा के बाद ही छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. स्टूडेंट्स को सुनवाई का इंतजार है.

क्या है पूरा मामला

4 मई को आयोजित नीट यूजी की परीक्षा में  इंदौर के 12 से ज्यादा एग्जाम सेंटर में लाइट चली गई थी. जिससे स्टूडेंट्स को एग्जाम में काफी परेशानी हुई, इतना ही नहीं इमरजेंसी लाइट के तौर पर 4.30 बजे मोमबत्तियों की व्यवस्था की गई थी. उसमें भी पेपर खत्म होने के 30 मिनट पहले ये किया गया था. ऐसे में स्टूडेंट्स का कहना है कि जो प्रश्न के आंसर आते भी थे तब भी वह आंसर नहीं दे पाएं, जिससे उनका असर रिजल्ट पर पड़ेगा.

NTA के  विश्वसनीयता पर उठने लगे हैं सवाल

एनटीए की ओर से पिछले साल भी पेपर लीक को लेकर मामला सामने आया था. इस साल भी एग्जाम को लेकर गड़बड़ियां देखने को मिली है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं मेडिकल प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया पर छात्रों का भरोसा कम कर सकती हैं.

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