फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से पुलिस लाइन में प्रशिक्षण ले रहा जालसाज गिरफ्तार : दस्तावेजों के सत्यापन में खुला राज

स्वदेशी टाइम्स, गोंडा : पुलिस लाइन में प्रशिक्षण के दौरान फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से शामिल अभ्यर्थी के प्रशिक्षण लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस के सत्यापन में यह खुलासा हुआ है। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया है।
पुलिस लाइन में बीते रविवार से चयनित जवानों को जेटीसी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद में 727 जवानों को प्रशिक्षण पुलिस लाइन में दिया जा रहा है एसपी लगातार प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। लेकिन प्रशिक्षण के दूसरे दिन सोमवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। पुलिस के मुताबिक पुलिस लाइन परिसर में चल रहे जेटीसी प्रशिक्षण के दौरान कैडेट्स की व्यक्तिगत नियुक्ति पत्रावलियों का सत्यापन किया जा रहा था तो जानकारी में आया कि प्रशिक्षण में सम्मिलित कुल अभ्यर्थियों की संख्या 727 होनी चाहिए थी, लेकिन मौके पर प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या 728 पायी गयी।
प्रशिक्षण दे रहे अफसर ने जब इसकी छानबीन शुरू की तो पता चला कि एक अभ्यर्थी ने फर्जी नियुक्ति पत्र के सहारे पुलिस लाइन में पहुंचकर प्रशिक्षण के प्रतिभाग करने के फिराक में है।पुलिस ने व्यापक रूप से जांच पड़ताल करते हुए उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है। व्यक्तिगत रूप से सभी अभ्यार्थियों के अभिलेखों का सत्यापन किया गया तो पता चला कि कैडेट शुभम सिंह पुत्र उदयभान सिंह निवासी जलालपुर घई पोस्ट सुल्तानपुर बढाईया थाना गदागंज जनपद रायबरेली का नियुक्ति पत्र फर्जी है। पुलिस अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस किसी बड़े रैकेट की संभावना से भी इंकार नहीं किया है। पुलिस का दावा है कि इसकी व्यापक रूप से जांच पड़ताल की जाएगी।
ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं
- सहारनपुर में फर्जी आईडी कार्ड: एक महिला आरक्षी को फर्जी आईडी कार्ड के साथ पकड़ा गया था। जांच में पता चला कि उसने दूसरे अभ्यर्थी के दस्तावेजों को एडिट करके अपना नाम डाला था।
- औरैया में फर्जी दस्तावेज: एक युवक को पुलिस भर्ती के दौरान फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।
- फिरोजाबाद में ठगी का मामला: एक दंपति पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से 10 से 15 लाख रुपये तक की ठगी की। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रही है।