‘वायनाड भूस्खलन’ को गंभीर प्रकृतिक आपदा घोषित करने को कहा , शशि थरूर ने अमित शाह को पत्र लिखकर की खास अपील

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स्वदेशी टाइम्स , नई दिल्ली ; वायनाड में भूस्खलन से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। भूस्खलन से अब तक 264 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी 180 से ज्यादा लोग लापता है। इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर खास अपील की है।

गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने की मांग

दरअसल, थरूर ने वायनाड भूस्खलन को संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के दिशा-निर्देशों के तहत “गंभीर प्रकृति की आपदा” घोषित करने की मांग की, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सांसदों से तत्काल सहायता मिल सके।

30 जुलाई को वायनाड में आई थी तबाही

बता दें कि 30 जुलाई की सुबह वायनाड में मुंडक्कई और चूरलमाला में दो बड़े भूस्खलन हुए, जिससे तबाही मच गई। बचाव अभियान तेज किए जा रहे हैं और क्षेत्र के लिए वित्तीय सहायता जुटाई जा रही है।

एक्स की एक पोस्ट में थरूर ने पत्र जारी करते हुए लिखा,

कल अमित शाह जी को मैने पत्र लिखा और वायनाड भूस्खलन को एमपीएलएडी दिशानिर्देशों के तहत “गंभीर प्रकृति की आपदा” घोषित करने की मांग की, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सांसदों से तत्काल सहायता मिल सके।

बता दें कि भूस्खलन के बाद से सैकड़ों लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। अकल्पनीय अनुपात की इस आपदा ने मौत और विनाश की एक दर्दनाक कहानी छोड़ दी है। सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियों से जुड़े लोग बचाव अभियान के जरिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

75 शवों को परिजनों को सौंपा

वायनाड में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (पीआरडी) नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के अनुसार, 96 पीड़ितों की पहचान की गई है, जिनमें 77 पुरुष, 67 महिलाएं और 22 बच्चे शामिल हैं। 166 शवों और 49 शरीर के अंगों का पोस्टमार्टम किया गया है। कुल 75 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है।

190 फीट लंबा बेली ब्रिज बना रही सेना

मौतों की बढ़ती संख्या के बीच, भारतीय सेना ने भूस्खलन के बाद फंसे लोगों को बचाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। भारतीय सेना मुंडक्कई और चूरलमाला के गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने और बचाव कार्यों को गति देने के लिए 190 फीट लंबा बेली ब्रिज बना रही है।

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