2019 विश्व कप सेमीफाइनल में मिली हार के बाद टूटकर बिखर चुक थे महेन्द्र सिंह धोनी

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स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली ; बात है साल 2019 विश्व कप सेमीफाइनल मैच की, जब भारत का सामना न्यूजीलैंड से हो रहा था। भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने के लिए 10 गेंद में 25 रन की दरकार थी।

स्ट्राइक पर थे महेंद्र सिंह धोनी, जिनसे चमत्कार की पूरा देश उम्मीद लगाए बैठा था कि माही मैच फिनिश करेंगे और भारत जीत जाएगा।

लेकिन 49वें ओवर की तीसरी गेंद धोनी के अंगूठे पर जा लगी और लेग साइट की तरफ चले गई। मार्टिन गुप्टिल के हाथ में गेंद लगी और इस बीच धोनी दूसरा रन लेने के टक्कर में दौड़े और डायरेक्ट हिट सीधा स्टंप पर लगी और वह रन आउट हो गए।

उस वक्त पूरे स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया। धोनी अगर डाइव लगाते तो शायद ये रन आउट नहीं होता, क्योंकि उनका बल्ला क्रीज से सिर्फ दो इंच की दूरी पर रह गया था, लेकिन माही के रन आउट होते ही करोड़ों भारतीय फैंस का दिल टूट गया और न्यूजीलैंड ने जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया।

विश्व कप 2019 की ये हार को काफी समय बीत चुका है, लेकिन आज भी ये दर्द पूरी भारतीय टीम और फैंस को अच्छे से याद है। इस बीच सोशल मीडिया पर धोनी की एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें एक फैन ने उनसे पूछा कि उस हार के बाद कैप्टन कूल ने खुद को कैसे संभाला। इस पर माही ने क्या जवाब दिया, आइए बताते है।

धोनी ने कैसे हार के बाद खुद को संभाला?

दरअसल, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने हाल ही में 2019 वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार पर बयान दिया। उनकी एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें 43 साल के बताया कि वह दिल तोड़ देने वाला पल था।

बता दें कि 5 साल पहले खेले गए उस सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को 240 रन का टारगेट मिला था। टॉप ऑर्डर के फेल होने के बाद रवींद्र जडेजा ने 59 गेंदों पर 77 रन की शानदार पारी खेली। उनका साथ धोनी दे रहे थे, लेकिन 12 गेंद पर टीम को 31 रन की दरकार थी।

धोनी ने पहली गेंद पर छक्का और तीसरी गेंद पर दो रन के लिए दौड़ने के चक्कर में रन आउट हो गए। मार्टिन ने थ्रो फेंका और रन आउट होकर धोनी ने भारतीय फैंस की उम्मीदों को तोड़ दिया।

इस बीच माही से हाल ही में जब एक फैन ने उस दर्द से उबरने को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि यह एक मुश्किल पल था, क्योंकि मैं जानता था कि यह मेरा आखिरी विश्व कप होगा, इसलिए अच्छा होता अगर हम जीत जाते। यह एक दिल टूटने वाला पल था, इसलिए हमने हार को स्वीकार किया और आगे बढ़ने की कोशिश की। विश्व कप के बाद मुझे बहुत समय मिला, क्योंकि मैंने कोई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला था।

पूर्व भारतीय कप्तान ने आगे कहा कि हां, यह दिल टूटने वाला था, लेकिन साथ ही आपको इससे बाहर निकलना होता है। आप बस स्वीकार करते हैं कि आपने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन आप इसे जीतने में नाकाम रहे।

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