वायनाड में बारिश और भूस्खलन ने बरपाया कहर ,तबाह मकान, उफनती नदियां और उखड़े पेड़…

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स्वदेशी टाइम्स , वायनाड। केरल के वायनाड में ऊंचाई पर स्थित गांवों में मंगलवार को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के बाद तबाह हुए मकान, उफनती नदियां और उखड़े हुए पेड़ों के दृश्य दिखाई दिए।

भूस्खलन के चलते 100 से ज्यादा लोगों की मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है, लोगों को बचाने के लिए रेसक्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है भूस्खलन में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, इनमें तीन बच्चे भी शामिल थे।

भूस्खलन के बाद सामने आई भयावह तस्वीरें

सोमवार तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है।

बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है।उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है।

पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है।

भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है।प्राधिकारियों ने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है।

वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है। इसके अलावा, पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं।अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं।

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