फाइनल में मिलर का कैच लपकने को लेकर जमकर हुआ बवाल

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स्वदेशी टाइम्स, नई दिल्ली ; भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 विश्व कप 2024 के फाइनल मैच में 7 रन से जीत हासिल की। इस मैच के आखिरी में सूर्यकुमार यादव ने बाउंड्री लाइन पर डेविड मिलर का कमाल का कैच लपका। उनके इस मैच ने पूरे मैच को ही पलट दिया। सूर्या अगर वो कैच नहीं लपकते तो शायद भारत ये विश्व कप नहीं जीत पाता।

आखिरी ओवर में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 16 रन की दरकार थी और आखिरी ओवर में रोहित ने हार्दिक को गेंद थमाई। इस दौरान क्रीज पर डेविड मिलर थे, जिन्होंने एक हवाई शॉट खेला, लेकिन सूर्या ने उनका कैच लपक लिया। सूर्या के कैच को लेकर हालांकि बाद में जमकर बवाल भी हुआ। इस बीच अब

Suryakumar Yadav ने डेविड मिलर के कैच को लेकर दिया तोड़ी चुप्पी

दरअसल, भारत-साउथ अफ्रीका के मैच के आखिरी ओवर में डेविड मिलर ने पहली गेंद पर लॉन्ग ऑफ के ऊपर से हवाई फायर किया। लगभग उस गेंद पर छक्का लग गया था। लेकिन सूर्या ने दौड़ लगाते हुए ये कैच लपक लिया।

पहले सूर्या ने बाउंड्री लाइन से पहले गेंद को हवा में उछाला और फिर वह बाउंड्री लाइन के बाहर गए और वापस अंदर आए और एक शानदार कैच लपक लिया। इस कैच उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने गेंद को ऊपर और खेल क्षेत्र के अंदर धकेला और कैच लिया, तो मुझे पता था कि मैंने रस्सी को नहीं छुआ है। केवल एक चीज जिसके बारे में मैं सतर्क था, वह यह थी कि जब मैं गेंद को वापस अंदर धकेलता था, तो मेरे पैर रस्सी को नहीं छू रहे थे। मुझे पता था कि यह एक सही कैच था। अगर गेंद छह रन के लिए जाती तो कुछ भी हो सकता था।क लेकर विवाद भी हुआ। कुछ लोगों का कहना था कि ये कैच लपकते समय सूर्या के पैर बाउंड्री लाइन पर टच हुए थे। वहीं, कुछ ने कहा कि बाउंड्री लाइन ही थोड़ी खिसकी हुई दिख रही थी।

सूर्यकुमार यादव ने खुद मिलर के कैच को लेकर एक बड़ा बयान दिया।

इस कड़ी में इंडियन एक्प्रेस से बातचीत करते हुए सूर्यकुमार ने कहा कि रोहित भाई आमतौर पर कभी लॉन्ग-ऑन पर खड़े नहीं होते, लेकिन उस वक्त वह वहां थे। तो जब गेंद आ रही थी, तो एक सेकंड के लिए मैंने उसकी तरफ देखा और उसने मेरी तरफ देखा। मैं दौड़ा और मेरा लक्ष्य गेंद को पकड़ना था। अगर वह (रोहित) करीब होता, तो मैं गेंद उसकी ओर फेंक देता। लेकिन वह कहीं भी करीब नहीं था। उन चार से पांच सेकंड में, जो कुछ भी हुआ, मैं बता नहीं सकता।

उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने गेंद को ऊपर और खेल क्षेत्र के अंदर धकेला और कैच लिया, तो मुझे पता था कि मैंने रस्सी को नहीं छुआ है। केवल एक चीज जिसके बारे में मैं सतर्क था, वह यह थी कि जब मैं गेंद को वापस अंदर धकेलता था, तो मेरे पैर रस्सी को नहीं छू रहे थे। मुझे पता था कि यह एक सही कैच था। अगर गेंद छह रन के लिए जाती तो कुछ भी हो सकता था।

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