अदालत ने सुनाई 20 साल की सजा, दरिंदे ने की थी दरिंदगी की हदें पार; नाबालिग के निजी अंगों की बनाई थी वीडियो क्लिप

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स्वदेशीटाइम्स, नई दिल्ली। नाबालिग के साथ बार-बार दुष्कर्म करने के दोषी एक व्यक्ति को तीस हजारी कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

अदालत ने सजा सुनाते वक्त क्या कहा…

अदालत ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य न केवल अपराधी को दंडित करना है, बल्कि पीड़ित का पुनर्वास करना भी है। यदि हम ऐसा करने में विफल रहते हैं तो हम पीड़ित के प्रति अपने कर्तव्यों का भी परित्याग कर रहे हैं क्योंकि पीड़ित का मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीति परेवा ने पीड़ित नाबालिग लड़की को 20 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया।

दोषी ने नाबालिग के निजी अंगों की वीडियो क्लिप भी बनाई

अदालत ने कहा कि दोषी ने न सिर्फ पीड़ित के साथ एक से अधिक बार अप्राकृतिक शारीरिक संबंध बनाए, बल्कि नाबालिग के निजी अंगों की जबरन वीडियो क्लिप रिकॉर्ड की और उन्हें वायरल करने की धमकी दी। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पीड़ित नाबालिग शारीरिक और मानसिक रूप से हमेशा के लिए जख्मी हो गई है।

अदालत 38 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं, जिसे पिछले महीने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के अलावा अप्राकृतिक अपराध, आपराधिक धमकी और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं व सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत धारा 66 ई (गोपनीयता के उल्लंघन के लिए दंड के तहत दोषी ठहराया गया था।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि दोषी एक दिहाड़ी मजदूर था जिसकी मासिक आय सात हजार रुपये है। अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल के परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और तीन नाबालिग बच्चे हैं।

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