MP: MY हॉस्पिटल का चूहाकांड, सवालों के घेरे में 20 लाख की सफाई

स्वदेशी टाइम्स, MY Hospital Rat Bite Case: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल में हुए चूहाकांड ने तूल पकड़ लिया है। दो नवजातों की मौत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी गुस्सा जाहिए किया है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानिए, अब तक क्या हुआ, किसने क्या कहा और कहां-कहां लापरवाही सामने आई?
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल का चूहाकांड प्रदेश सरकार के लिए अब सिर दर्द बन गया है। इस मामले पर राजनीति भी गरमाने लगी है। कहा जा रहा है कि एमवाय अस्पताल में सफाई का जिम्मा उठाने वाली एजाइल कंपनी समय-समय पर पेस्ट कंट्रोल करती तो दो नवजात चूहों के काटने का शिकार नहीं होते। पेस्ट कंट्रोल के लिए कंपनी को औसतन हर महीने दो लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। लेकिन, हैरानी की बात है कि जनवरी 2025 से अब तक 20 लाख रुपये लेकर कंपनी ने सिर्फ डेढ़ सौ चूहे ही भगाए।
अस्पतालों में चूहा होना आमतौर पर साधारण है। शहर के कई निजी अस्पतालों में चूहें हैं, जहां हजारों मरीज भर्ती रहते हैं। लेकिन, इन अस्पतालों में चूहों और कीड़े-मकोड़ों को रोकने लिए नियमित पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। गलियारों में घूम रहे चूहों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाते हैं। लेकिन, यह सब एमवाय में नहीं हो रहा था, वहां सिर्फ कागजों में ही यह पूरी कवायद चल रही थी और इसके बदले में मोटी रकम वसूली जा रही थी। कंपनी पेस्ट कंट्रोल करने के लिए वार्डों को खाली करने का तर्क देती थी, जो डॉक्टरों के लिए संभव नहीं होता था। ऐसे में बिना पेस्ट कंट्रोल के ही काम चलाया जा रहा था। वहीं, अब डॉक्टरों की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन वार्ड में खाना लेकर आते हैं, जिससे चूहे भी वार्डों में आ जाते हैं। यह भी बहाना बनाया जा रहा है कि बारिश होने के कारण चूहों के बिल में पानी भर गया, जिससे वे बाहर निकाल आए हैं।
बिना ऑडिट किया 20 करोड़ का भुगतान क्यों?
हैरानी की बात यह भी है कि प्रबंधन ने एमवाय की सफाई, पेस्ट कंट्रोल, सुरक्षा और डेटा इंट्री का काम अलग-अलग देने के जगह एक ही कंपनी को दे दिया। हर महीने इसके लिए कंपनी को डेढ़ करोड़ रुपये दिए जाते हैं। पिछले साल एजाइल कंपनी को 20 करोड़ का भुगतान एमवाय प्रबंधन ने किया था, लेकिन सफाई का ऑडिट नहीं किया गया। दो साल पहले ठीक से सफाई नहीं होने पर कंपनी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कंपनी दो साल से एमवाय अस्पताल का काम संभाल रही है। कंपनी पेस्ट कंट्रोल का काम लोकल कांट्रेक्टरों से कराती है। उसके पास इसके लिए कोई संसाधन नहीं है।