बरेली: रेलवे पेट्रोलिंग कर्मचारी ने दिखाई सूझबूझ, बेपटरी होने से बची रामनगर एक्सप्रेस

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स्वदेशी टाइम्स, बरेली: रेल प्रशासन की इन दिनों एक के बाद एक रेल हादसों के कारण जमकर फजीहत हो रही है। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। मगर सोमवार तड़के बरेली सिटी-भोजीपुरा रेलखंड पर बड़ा हादसा रेलवे के पेट्रोलिंग कर्मचारी की सूझबूझ से टल गया। ट्रैक से आगरा फोर्ट रामनगर एक्सप्रेस को गुजारा जाना था लेकिन पेट्रोलिंग कर्मचारी ने एयफोर्स गेट के पास पटरी टूटी देखी तो तत्काल ट्रेन को रुकवाया गया। गनीमत रही की पेट्रोलिंग कर्मचारी की नजर समय रहते पड़ गए वरना ट्रेन बेपटरी भी हो सकती थी।

पूरा मामला तड़के सुबह करीब चार बजे के आसपास का बताया जा रहा है। एयरफोर्स गेट के पास लेवल क्रासिंग संख्या 236 एबी पर इज्जतनगर रेल मंडल में तैनात प्रेमपाल व हरि बाबू नाइट पेट्रोलिंग कर रहे थे। जैसे ही वह किलोमीटर संख्या 310/11-12 के पास पहुंचे तो टूटी हुई पटरी देखकर चौंक गए। थोड़ी ही देर में ट्रेन संख्या 15055 आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस को यहां से गुजारा जाना था। सूझबूझ दिखाते हुए पेट्रोलिंग कर्मचारी प्रेमपाल ने गेटमैन को पूरे मामले के बारे में बताया जिसके बाद। गेटमैन ने इज्जनगर मंडल कंट्रोल रूम को इस बात की जानकारी दी, लिहाजा फौरी तौर से इंजीनियरिंग विभाग हरकत में आया और ट्रैक को संरक्षित करने में जुट गया। इज्जतनगर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि पेट्रोलिंग कर्मचारी की सूचना पर ट्रैक दुरुस्त कर दिया गया है। फिलहाल ट्रेनें 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजारी जा रही हैं।

इज्जतनगर स्टेशन पर रोकनी पड़ी ट्रेन
कंट्रोल रूम से जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन में ट्रेन संख्या 15055 आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस को इज्जतनगर स्टेशन पर रोकना पड़ा। यहां ट्रेन को करीब 33 मिनट तक कंट्रोल किया गया। इस बीच रेलवे ट्रैक को इंजीनियरिंग विभाग की टीम ठीक करने में जुटी रही। तड़के 4 बजकर 36 मिनट पर ट्रेन को इज्जतनगर से चलाया गया। फिलहाल जहां पटरी टूटी मिली थी वहां 20 किमी प्रतिघंटा का कॉशन लगाकर ट्रेनों को गुजारा जा रहा था।

सर्दी में चटकने लगती हैं पटरियां
दरअसल सर्दी का मौसम आते ही सबसे ज्यादा खतरा रेलवे ट्रैक को होता है, गर्मी में जहां रेल की पटरियां फैलती हैं वहीं सर्दी के मौसम में पटरियों में सिकुड़न पैदा होती है, जिसकी वजह से अक्सर क्रैक आ जाता है। यही वजह है कि रेल प्रशासन सर्दी के मौसम में नाइट पेट्रोलिंग को बढ़ा देता है। हर दो किलोमीटर के दायरे में एक साथ दो पेट्रोलिंग कर्मचारी रात को निगरानी करते हैं।

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