फर्जी दस्तावेज पर बांग्लादेशी नागरिकों का पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो सदस्य गिरफ्तार

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स्वदेशीटाइम्स, नई दिल्ली। आइजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेज पर बांग्लादेशी नागरिकों के लिए भारतीय पासपोर्ट बनाकर विदेश भेजने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित ट्रैवल एजेंसी की आड़ में लोगों को विदेश भेज रहे थे। इनके कब्जे से पुलिस ने 21 पासपोर्ट, खाली स्टांप पेपर, 25 फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपितों में बंगाल के नादिया का दीपक राय व ओडिशा के गंजाम का एस दीनबंधु शामिल है।

आइजीआई पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 15 मार्च की रात नादिया निवासी देबाशीष पाल यूएई से नई दिल्ली पहुंचा। उसके पास भारतीय पासपोर्ट था। लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों ने जब उसके दस्तावेज की जांच की तो पता चला कि वह बांग्लादेश का नागरिक है। आइजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने यात्री के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में प्राथमिकी की।

डेढ़ लाख लेकर यूएई भेजने का आश्वासन

पूछताछ के दौरान देबाशीष ने पुलिस को बताया कि वह बांग्लादेशी है और वहां मजदूरी करता था। जहां कम पैसे मिलते थे। उसके एक चाचा 35 साल पहले अवैध रूप से भारत आ गए थे और बंगाल में रह रहे थे। वह भी 2020 में मेघालय सीमा के जरिए भारत में प्रवेश किया और अपने चाचा के साथ रहने लगा। यहां उसकी मुलाकात असित नाम के एक एजेंट से हुई। जिसने 1.5 लाख रुपये के एवज में उसे यूएई भेजने का आश्वासन दिया। असित ने अपने साथी गोविंदा के साथ मिलकर बंगाल के फर्जी पते पर उसका आधार, पैन, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड की व्यवस्था की। जिसके आधार पर उसका भारतीय पासपोर्ट बनवाया।

2023 में देबाशीष यूएई चला गया

अगस्त 2023 में भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल कर देबाशीष यूएई चला गया। फिर वीजा खत्म होने पर वहां से भारत लौट गया। दिल्ली आने पर वह पकड़ा गया। उसके निशानदेही पर पुलिस ने मार्च 2024 को नादिया पश्चिम बंगाल निवासी असित विश्वास और गोविंद चंद्र राय को पहले ही गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ में दीपक राय और दिनेश के सिंडिकेट में शामिल होने की बात सामने आई।

आइजीआई थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजेंद्र राणा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दोनों की तलाश शुरु की। तकनीकी निगरानी कर पुलिस ने पहले दीपक राय और फिर एस दीनबंधु को ओडिसा से गिरफ्तार कर लिया। छानबीन में पता चला कि दीपक पिछले कई साल से नादिया में राय ट्रैवल के नाम से एक टूर एंड ट्रैवल्स कार्यालय चला रहा था। जो लोगों को विदेश भेजने का काम करता था। वह एजेंटों के संपर्क में आने के बाद विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने लगा।

एस दीनबंधु एजेंट के रूप में काम कर रहा था

वह अपने साथियों असित, गोविंदा और दिनेश की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान देने के लिए उनके लिए नकली भारतीय दस्तावेज तैयार करता था और उन्हें विदेश भेजने के लिए नकली दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट की व्यवस्था करता था। एस दीनबंधु एजेंट के रूप में काम कर रहा था। वह ओडिशा में महावीर ट्रेनिंग के नाम से एक संस्थान चला रहा था जो लोगों को विदेश भेजने का भी काम करता है।

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